CAGDI का इतिहास

CAGDI

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (विकसित राष्ट्र स्थापना लक्ष्यों हेतु केंद्रीय एजेन्सी के रुप में भारत सरकार द्वारा स्वायत्तता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम)

CAGDI का इतिहास

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) का संक्षिप्त इतिहास

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा किए निम्न शोध

कृषि/कृषकों के अंश में भौतिक/अन्य रूप भ्रष्टाचार दृष्टिगत निम्न तथ्य/रिपोर्ट प्रकाश में आए :

  1. कृषक आत्महत्या का मूल कारक प्रायः बैंक ऋण समस्या |
  2. ग्रामीण पलायन का मूल कारण कृषि/अन्य व्यवस्था का ग्रामीण स्तर पर सुलभ उपलब्ध न होना |
  3. विभागीय/कृषि प्रक्षेत्र में रोजगार (सरकारी नौकरियों एवं ग्रामीण रोजगार) की असीम संभावनाओं के बावजूद रोजगार की निरंतर कमी (राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय) |
  4. पशुधन व्यवस्था जो कृषि की सम्बद्ध व्यवस्थाओं में भौतिक रूप से शामिल हो सकता है, को वास्तविक रूप से शामिल नहीं किया जाना अथवा नीतियों का वास्तविक पालन न होना |
  5. सामान्य जन समूह हेतु भ्रष्टाचार के विरुद्ध नियमों में शिथिलता नहीं किन्तु शासकीय अधिकारियों हेतु नियमों में ढिलाइ का होना |
  6. रिश्वत लेते पकड़ा जाये तो रिश्वत देकर छूट ले आदि व्यवस्था (शासकीय व्यवस्था) दृष्टिगत हुआ |
  7. प्रायः केंद्र/राज्य सरकार द्वारा जारी योजनाओं के वास्तविक क्रियान्वयन का भौतिक देखरेख करने की एजेंसी का वास्तविक धरातल पर कार्य न करना आदि दृष्टिगत हुआ |
  8. केंद्र/राज्य सरकार द्वारा जारी योजनाओं/परियोजनाओं/नीतियों/शासनादेशों/अन्य के वास्तविक क्रियान्वयन का भौतिक सत्यापन में कमी आदि परिलक्षित हुई|

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा किए गए शोध के अनुसार ग्राम पंचायत से लेकर शासकीय/अशासकीय/अन्य व्यवस्थाओं में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार जो कि भारतवर्ष को विकसित राष्ट्र स्थापित किए जाने हेतु "अवरोधक" है, पाया गया | उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान कृषि/कृषक अंश हेतु किए गए विभिन्न प्रयोगों, परीक्षण के उपरांत उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान द्वारा प्रस्तुत किए गए विभिन्न प्रस्तावों यथा कृषकों की आत्महत्या के मुख्य कारक बैक ऋण अथवा इसमें संबन्धित संगठित भ्रष्टाचार द्वारा प्रभावित होना अथवा इससे कृषकों को निजात दिलाने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया | एक शोध के दौरान यह पाया गया की ग्रामीण स्तरीय सार्वजनिक बैंकों अथवा अन्य बैंकों से प्राप्त होने वाले ऋण को (अति निर्धन कृषक लगभग @44%) को बैंक दलालों के माध्यम से ही दलाली एवं रिश्वत के सम्पूर्ण माध्यमों से ही बैंक ऋण कृषक को प्राप्त हो पाता है और ऋण पर कम ब्याज अथवा अनुदान आदि के लालच अथवा मजबूरी में ऋण प्राप्त किया जाता है | सरकारी कृषि योजनाओं में ऋण प्राप्त किये जाने हेतु प्रत्यक्ष रिश्वत @5% से @10% बैंकों के नाम अथवा @10% से @20% दलाली अथवा फाइलों के नाम पर अप्रत्यक्ष रूप से खर्च हो जाता है | इस रिश्वत खोरी में अप्रत्यक्ष रूप से फाइलों के नाम पर लिए जाने वाले दलाली अथवा फाइलों के नाम पर लिए जाने वाले धन का भुगतान प्रस्तावित अति निर्धन/ मझौले लगभग @44% अति अल्प आय कृषक वर्ग द्वारा यह सामान्य उधारी के बजाय स्वाभाविक भुगतान के माध्यम से कृषि / अन्य सरकारी योजनाओं में ऋण प्राप्त होने के उपरांत ब्याज सहित वापसी के आधार पर साहूकारों या ब्याजखोरों के माध्यम से प्राप्त किया जाता है | सरकारी कृषि योजनाओं में ब्याज उपरांत/अन्य अनुदान माध्यमों का ऋण प्राप्त करने में शासकीय स्वीकृतियों एवं अन्य कार्यवाहियों में लगभग @1 माह से @3 अथवा @5 अथवा @7 माह का समय लगने से कृषकों को मजबूर कराते हुए उनके द्वारा प्रस्तावित ऋण को प्राप्त करने में तमाम शासकीय अन्य समस्याओं को झेलने से उस ऋण को प्राप्त किए जाने के फलस्वरूप उस ऋण के प्रति कृषकों (ऋणी) के मन में प्रायः कुंठा पैदा होना पाया गया | कुंठा के दृष्टिगत ऋण वसूली दौरान आत्महत्या आदि मामले सामने आए | उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान वर्तमान में प्रचलित ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान देश के कृषि प्रक्षेत्र में व्याप्त संगठित भ्रष्टाचार पर लगभग सम्पूर्ण विराम/कार्यवाही करते/कराते हुए केंद्र/राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं को धरातल पर भौतिक क्रियान्वयन हेतु माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश के संरक्षण में अथवा अनुमोदनोपरांत ज़ीरो टोलेरंस अथवा संस्थागत ज़ीरो करप्शन बेस्ड पॉलिसी के अंतर्गत कार्य कर रही है | संस्थान द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन के ज़ीरो टोलेरंस अथवा संस्थागत ज़ीरो करप्शन बेस्ड पॉलिसी के अंतर्गत संस्थागत योजनाओं/परियोजनाओं का भौतिक क्रियान्वयन हेतु प्रतिबद्ध होगी | उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान वर्तमान केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा कृषकों की विभिन्न समस्याएँ तथा आत्महत्या के कारक/कारण/निवारण के शोध के दौरान यह पाया गया की कृषक आत्महत्या के पीछे बैंक ऋण तथा किसान क्रेडिट कार्ड अथवा कृषि संबन्धित ऋण ही लगभग @90% कारक रहा है | जांच के दौरान यह पाया गया की अतिसूक्ष्म श्रेणी के कृषक तथा @1 बीघे से @5 बीघे तक के कृषकों द्वारा बैंक से प्राप्त किए गए कृषि ऋण का पारिवारिक खर्च के उपरांत कृषि उत्पादित शेष बचे कृषि उत्पाद के बिकवाली उपरांत कृषि ऋण का निपटान करना लगभग नामुमकिन होता है इसके पीछे मुख्य कारण बैंक द्वारा कृषकों को अधिकतम बैंक दलालों के माध्यम से डील करवाना और कृषकों को सही जानकारी से कोसों दूर रखना प्रायः पाया गया | इसके साथ ही साथ बैंकों द्वारा ऋण कारोबार किए जाने हेतु प्राप्त किए गए पुनर्वित्त को किसानों को अधिक रिश्वत/दलाली के लालच में कर्ज़ से दबे अथवा एन0पी0ए0 हुए असेट्स पर पुनर्वित्त करने एवं एन0पी0ए0 का बोझ देश की अर्थव्यवस्था में सम्मिलित कराते हुए मुद्रास्फीति के वृद्धि में सहायक आदि के मामले दृष्टिगत हुए |

उक्त के क्रम में माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश संख्या 15157170045184 के क्रम में कृषि विभाग उत्तर प्रदेश से जारी संस्तुति आदेश संख्या प्रसार-265 दिनांक 01-06-2016, प्रसार-475 दिनांक 20-07-2016 एवं पत्रांक प्रसार-718 दिनांक 09-09-2016 के क्रम में कृषि निदेशालय उत्तर प्रदेश प्रसार अनुभाग द्वारा जारी पत्रांक प्रसार 2027/जनसुनवाइ /2017-18/दिनांक 02 फ़रवरी 2018 द्वारा कार्यालय उप कृषि निदेशक द्वारा जारी जांच आदेश पत्रांक-उ0कृ0नि0 3310 दिनांक 23 फ़रवरी 2018 के क्रम में संबद्धता संस्तुति जांच आदेश दिनांक 24 फ़रवरी 2018 जारी किया गया जिसके आधार पर माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश संख्या 11157160022592, 1515180032594 को अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त हुआ | संस्थान द्वारा श्रीमान अपर मुख्य सचिव/सचिव/कृषि विभाग उत्तर प्रदेश शासन को माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश संख्या 15157180182726 के क्रम में NABARD द्वारा पुनर्वित्त उपलब्ध कराये जाने हेतु उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी शासनादेश/आदेश संख्या 1228/12-5-2018-सा0-83/2018 लखनऊ दिनांक 04 अक्टूबर 2018 द्वारा संस्थान को अनापत्ति प्राप्त हुआ अथवा कार्यवाही सुनिश्चित हुआ |

केंद्र सरकार द्वारा जारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर संस्थागत खरीद प्रस्ताव

उत्तर प्रदेश राज्य सरकार को उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान द्वारा ग्राम सभा स्तर पर कृषकों की सदस्यता कराते हुए उनके द्वारा उत्पादित कृषि कच्चा उत्पाद अथवा खाद्यान्न/धान/गेंहू की MSP पर खरीद कराते हुए न्याय पंचायत स्तर पर कृषक सेवा केंद्र स्थापित करते हुए खरीददारी की व्यवस्था सुनिश्चित किया जाएगा | लगभग @44% ऐसे कृषक जो स्वयं द्वारा उत्पादित धान/गेंहू की बिकवाली क्रय केन्द्रों के दूरी के कारण जिनकी बिक्री क्षमता @1 कुंटल से @5 कुंटल तक होती है, नहीं कर पाते है | @66% कृषकों के @76% कृषकों का धान/गेंहू की बिकवाली क्षमता @5 कुंटल से @15 कुंटल तक होती है उन्हे दूरी के कारण किसी अन्य माध्यमों का सहारा लेते हुए अपने उपज को औने-पौने दाम पर बेचने पर मजबूर होना पड़ता है | कृषक सेवा केंद्र की स्थापना न्यायपंचायत स्तर के होने पर बिकवाली समस्या का समाधान सुनिश्चित होना उचित पाया गया | साथ ही साथ अन्य कृषि कच्चा उत्पादों को भी संस्थागत खरीददारी योजना में शामिल किया गया | खरीददारी के @12 से @32 घंटों (शासकीय अवकाशों को छोड़कर) में भुगतान NEFT/RTGS/अन्य माध्यमों से कृषकों/कृषि उत्पादकों/दुग्ध/दुग्ध उत्पादकों अथवा संस्थागत योजनाओं में शामिल किए गए समस्त औषधीय/अन्य उत्पाद के खाते में ऑनलाइन अंतरण की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का प्रावधान किया गया | न्यायपंचायत स्तर पर स्थापित किए जाने वाले कृषक सेवा केन्द्रों को तकनीकी माध्यमों से ऑनलाइन निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने का प्रावधान किया गया | खरीददारी किए गए समस्त कच्चे उत्पादों के उचित रखरखाव एवं प्रबंधन हेतु संस्थागत चीलिंग/वेयरप्लांट की स्थापना का प्रावधान किया गया | उक्त के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या 170/29-5-2018/5(1)/18-टी0सी0 के क्रम में जिला खाद्य विपणन अधिकारी लखनऊ के पत्रांक 789/आई0जी0आर0एस0/2017 दिनांक 30-10-2017 पर जाँचोंपरांत जिला खाद्य विपणन अधिकारी लखनऊ के पत्रांक 01/आई0जी0आर0/2018 दिनांक 03-04-2018 के क्रम में श्रीमान आयुक्त खाद्य, श्रीमान अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव खाद्य एवं रसद विभाग एवं माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आई0जी0आर0एस0 संदर्भ संख्या 12157180079853 का अनुमोदन संस्थान को प्राप्त हुआ |

औषधीय कृषि उत्पाद योजना

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) को आयुष इकाई किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव पत्रांक 96/KGMU/आयुष-18 दिनांक 18-12-2018 के क्रम में उत्तर प्रदेश द्वारा परीक्षणोपरांत निम्न शर्तों की संस्तुति की गई :
  1. उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान के पंजीकृत कृषकों द्वारा उत्पादित औषधीय कृषि उत्पादों की ख़रीददारी प्रस्तावित अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष रिसर्च सेंटर एवं आयुर्वेद पंचकर्म एंड वेलने्स यूनिट अथवा पंचकर्म यूनिट के अनुमोदनोपरांत एवं वित्त की उपलब्धता आदि के तहत भारत सरकार की सहमति से अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश द्वारा उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान से खरीद की जाएगी जिसका उपयोग असाध्य रोगों के दवा उत्पादन में होगा |
  2. उत्तर प्रदेश संस्थान के पंजीकृत कृषक सदस्यों कर्मचारियों/अधिकारियों के स्वास्थ्य लाभ प्रस्तावित अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष रिसर्च सेंटर एवं आयुर्वेद पंचकर्म एंड वेलनेस यूनिट के अनुमोदनोपरांत एवं वित्त की उपलब्धता आदि के तहत भारत सरकार की सहमति से अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा |
  3. प्रस्तावित अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष रिसर्च सेंटर एवं आयुर्वेद पंचकर्म एंड वेलने्स यूनिट अथवा पंचकर्म यूनिट के अनुमोदनोपरांत एवं वित्त की उपलब्धता आदि के तहत भारत सरकार की सहमति से अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश की उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान द्वारा वित्त की उपलबब्धता को सुनिश्चित करना/कराने के क्रम में पर्यवेक्षण, सर्वेक्षण, निरीक्षण, परामर्श आदि का अधिकार केंद्र सरकार के अनुमोदनोपरांत उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान को होगा |
  4. प्रस्तावित अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष रिसर्च सेंटर एवं आयुर्वेद पंचकर्म एंड वेलने्स यूनिट अथवा पंचकर्म यूनिट के अनुमोदनोपरांत एवं वित्त की उपलब्धता आदि के तहत भारत सरकार की सहमति से अटल बिहारी बाजपेयी एडवांस्ड आयुष यूनिवर्सिटी उत्तर प्रदेश में राष्ट्र/कृषक/संस्थान/शोध संस्थान/अन्य हितोपयोगी योजनांतर्गत भौगोलिकीय परिवर्तन के क्रम में योजनाओं को परिवर्तनीय होगा |

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) एवं आयुष इकाई किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के बीच उक्त अनुबंध को उत्तर प्रदेश शासन एवं प्रदेश सरकार स्तरीय आदेश संख्या 12157190017652 के माध्यम से स्वीकृति प्राप्त हुई | संस्थान द्वारा कृषकों (पंजीकृत)को प्रति बीघे की दर से 20 हज़ार रुपये ब्याज रहित शाखीय व्यवस्था के अंतर्गत डेढ़ गुना गारंटी योजना के अंतर्गत औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अंतर्गत निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान करते हुए कृषक दो गुना-2022 योजनांतर्गत लाभ (नियमों के अंतर्गत) प्रदान कराया जाएगा | इसके तहत क्रमशः 140 औषधीय पौधों को सम्मिलित कराते हुए आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा औषधीय कृषि उत्पाद से संबन्धित फसलों के अंतर्गत अनुबंध/अंशदान/अनुदान आदि औषधीय पौध मिशन के अंतर्गत प्रदान कराया जाएगा | जिसके अंतर्गत माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश को संस्थान द्वारा प्रस्तुत कराये गए प्रस्ताव पर उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या -सी0एम0-53/58-2019-179/2015 दिनांक 16 अप्रैल 2019 के क्रम में निदेशालय के पत्रांक 233/रा0आ0मि0/2019-20 दिनांक 24 अप्रैल 2019 के अंतर्गत निदेशालय खाद्य एवं प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश के पत्रांक 76-77 दिनांक 16 अप्रैल 2019 जो माननीय मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुमोदित हुआ |

पशुधन विभाग एवं संस्थागत योजनांतर्गत कार्यवाही

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन के सम्मुख प्रस्तुत किए गए पशुधन विकास नीति के क्रम में छुट्टा/अन्य गौ वंशीय हितों अथवा पशुओं के संरक्षण/संवर्धन/सुरक्षा/अन्य के क्रम में पशुधन विभाग द्वारा जारी आदेश प्रस्ताव पत्रांक-5840/सा0/मा0मु0म0स0/2017-18 दिनांक 11-02-2019 एवं पूर्व में पशुधन विभाग के आदेश पत्रांक 316/प0-2/22(5)/जनसुनवाई/2018-19 दिनांक 04-07-2018 के क्रम में जनहित उपयोगिता सहित अनापत्ति/स्वीकृति प्राप्त हुई | आदेश संख्या 3709/सैंतीस-2-2018 लखनऊ दिनांक 5 नवम्बर 2018 के माध्यम से उत्तर प्रदेश शासन का आदेश जारी हुआ |

पर्यावरण विभाग द्वारा कार्यवाही

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन के सम्मुख प्रस्तुत किए गए कृषि/कृषक अंशीय पर्यावरणीय समस्याओं के निदान हेतु पर्यावरण निदेशालय उत्तर प्रदेश के पत्रांक 345/पर्या0/आई0जी0आर0एस0/2018 दिनांक 29 जून 2018, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के संदर्भ संख्या 3203-4/सी0-6/सा0-66/आई0जी0आर0एस0/20 दिनांक 23-01-2020, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन अनुभाग-7 संख्या 214 /81-2019 लखनऊ दिनांक 9 जुलाई 2019 विभागीय कार्यवाही/स्वीकृति/अनापत्ति प्राप्त हुई |

शैक्षणिक व्यवस्था के अंतर्गत कार्यवाही

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन के सम्मुख प्रस्तुत किए गए अधिक से अधिक रोजगार (समस्त श्रेणी) सृजन अथवा शत-प्रतिशत भ्रष्टाचार रहित सेवकों का विभिन्न माध्यमों से निर्माण अथवा पद्धति को विकसित किए जाने हेतु अथवा पारदर्शी शैक्षिक/शैक्षणिक/प्रशैक्षणिक/अन्य पद्धतियों को विकसित कर ईमानदार/राष्ट्रहितकारी सेवकों का निर्माण हेतु शॉर्ट/लॉन्ग सर्टिफिकेशन/अन्य कोर्स एवं प्रशिक्षण हेतु उच्च शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या सी0एम0 212/सत्तर-1-2018 लखनऊ दिनांक 27 दिसम्बर 2018 के क्रम में माननीय मुख्यमंत्री जी स्तरीय अनुमोदन प्राप्त हुआ |

रोजगार सृजन

प्रायः सरकारी नौकरियों के मामलों में यह पाया गया की सरकारी नौकरी ने आज एक भ्रष्टाचार रूपी व्यवसाय का रूप लेना पाया गया और उसी नौकरी के नाम पर प्रथम श्रेणी से लेकर चतुर्थ श्रेणी तक का रेट (दाम ) तय होना पाया गया | सरकारी नौकरियों में प्रायः योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी होने लगी और रिश्वत लेकर अयोग्य उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित किया जाना प्रायः पाया गया | जो अधिकारी/कर्मचारी यदि ईमानदारी करने अथवा कराने की अपेक्षा करने लगा तो ऐसे कर्मचारी/अधिकारी/कर्मचारियों/अधिकारियों की हत्या अथवा फर्जी मुकदमों में फसाना आदि साजिश के शिकार हो जाते हुए पाये गए इसी के संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने "ईमानदार अधिकारी लुप्तप्राय प्राणी जैसे इनका संरक्षण जरूरी" जैसे कोट किया |

कृषि के स्थान पर भ्रष्टाचार ने एक सहायक उद्योग का दर्जा प्राप्त कर लिया है | ऐसे कृषक कमोवेश ऋण धनराशि सरकार द्वारा माफ कर दिया जाएगा एवं अन्य दिवास्वप्न में पड़कर एक कमजोर कृषक का रूप ले लेता है | ऋण असेट्स के एन0पी0ए0 होने से रुपये की मुद्रा स्फीति एक निश्चित सीमा से बढ़ जाती है और रुपया अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में कमजोर पड़ने लगता है | एक रिपोर्ट में ऐसा पाया गया है की एक निश्चित समय के बाद ऋणी किसान जो इस आशा में अपना एक अच्छा भविष्य सुरक्षित कर लेता है उसे उचित प्रशिक्षण ना मिलने अथवा उचित ज्ञान ना होने से वह ऋण में प्राप्त किए गए धनराशि की वास्तविक स्थिति से अवगत नहीं होने के कारण ऋण धनराशि का उचित उपयोग नहीं कर पाता है | एक निश्चित अवधि के बाद वह उस धनराशि पर एक निश्चित सीमा से अधिक धनराशि का नोटिस जारी होने पर मानसिक अवसाद में पड़ जाता है और उसे कोई अन्य उपाय दृश्यात्मक ना होने पर आत्महत्या जैसा कुत्सित कर्म करने पर बाध्य हो जाता है | कृषि क्षेत्र में प्रायः यह पाया गया कि कृषकों द्वारा इस तरह कृषि कार्य एक निष्प्रयोज्य कार्य लगने लगा और युवा शक्ति (ग्रामीण) एक निश्चित सीमा से अधिक ग्रामीण से शहरों की ओर पलायन करने लगे जिससे शहरों पर एक निश्चित सीमा से अधिक बोझ बढ़ा एवं एक निश्चित सीमा से अधिक बेरोजगारी बढ़ने लगी जबकि कृषि को उद्योग जैसे स्वरूप अथवा उद्योग के रूप में वृहद स्तर पर रोजगार का सृजन किया जा सकता है | प्रायः यह पाया गया कि कृषकों द्वारा उत्पादित कच्चे उत्पादों की खरीददारी हेतु उनके लिए उचित खरीद बाज़ार अन्य व्यवस्था का उचित प्रबंध भारत राष्ट्र को आज़ादी के इतने वर्षों बाद भी नहीं उपलब्ध कराया जा सका जिससे हम केवल 2% से 10% (दो से दस प्रतिशत) ही अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भौतिक रूप से अपनी (भारतवर्ष के प्रतिनिधित्व) उपस्थिति (वास्तविक) दर्ज़ करने में सफल हुए जबकि यह शासकीय अथवा भारत राष्ट्र के योग्य एवं कुशल अभ्यर्थी का उचित उपयोग न कर पाने की अकुशलता है |

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा प्रस्ताव पत्रांक 162/उ0प्र0कृ0वि0सं0/लखनऊ/2018-19 दिनांक 03-10-2018 को माननीय श्रम एवं रोजगार मंत्री भारत सरकार नई दिल्ली के सम्मुख संस्थान द्वारा स्वीकृत 1.5 लाख (डेढ़ लाख) विभिन्न संविदा/अन्य पदों के क्रम में उत्तर प्रदेश शासन के आदेश संख्या 1204/36-3-2018-89(सा0)/2018 दिनांक 17 जुलाई 2018 एवं आदेश संख्या 1435 /36-3-2018-89(सा0)/2018 दिनांक 27 अगस्त 2018 के क्रम में समस्त विभागीय कार्यवाही पूर्ण कराते हुए स्वीकृति प्राप्त हुई |

बजट स्वीकृति

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा प्रस्तुत किए गए राज्य/राष्ट्र स्तरीय प्रस्ताव को राज्य स्तरीय अनापत्ति/संबद्धता/स्वीकृति(बजट/अन्य) के क्रम में माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार एवं माननीय अध्यक्ष नीति आयोग को प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2018-19 से 2022-23 हेतु प्रस्तुत किए गए क्रमशः संस्थागत इकाइयों के संचालन हेतु वार्षिक व्यय 4527 करोड़ (चार हज़ार पाँच सौ सत्ताईस करोड़), मानव संसाधन हेतु क्रमशः 349 करोड़ (तीन सौ उन्चास करोड़), दुग्ध मशीनरी पर व्यय हेतु 186 करोड़ (एक सौ छियासी करोड़), धान मिल पर व्यय हेतु 100 करोड़ (सौ करोड़), भूमि एवं निर्माण कार्य पर व्यय हेतु 6680 करोड़ (छ: हज़ार छः सौ अस्सी करोड़), वाहन खरीद पर व्यय हेतु 89.80 करोड़ (नवासी करोड़ अस्सी लाख) कुल 11931.80 करोड़ (ग्यारह हज़ार नौ सौ इकतीस करोड़ अस्सी लाख मात्र) बजट मांग प्रस्ताव पर माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय संदर्भ संख्या पी0एम0ओ0पी0जी0/डी0/2018/0296165 दिनांक 17-08-2018 के क्रम में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के पशुधन, दुग्ध एवं मत्स्य विभाग के आदेश फ़ाइल संख्या 17-1/2018-डी0पी0 दिनांक 19 सितम्बर 2018 द्वारा संस्थागत प्रस्तुत किए गए बजट मांग प्रस्ताव को श्रीमान संयुक्त सचिव कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा अनुमोदन/स्वीकृति प्राप्त हुआ |

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) द्वारा संस्थागत 5529 विभिन्न संविदा पदों के राज्य स्तरीय परीक्षा कराये जाने बावत माननीय मुख्यमंत्री जी के कार्यालय से जारी आदेश के क्रम में जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ के आदेश पत्रांक वाह्य परीक्षा/322-23/2019-20 दिनांक 10 अप्रैल 2019, जिला मैजिस्ट्रेट लखनऊ द्वारा जारी 299/मुंसरिम/2019 दिनांक 11 अप्रैल 2019 जो दो विद्यालयों क्रमश: राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज लखनऊ एवं अमीनाबाद इंटर कॉलेज लखनऊ द्वारा कृषि विभाग के अंतर्गत आख्या प्राप्त हुई | श्रीमान जिला मैजिस्ट्रेट लखनऊ, जिला विद्यालय निरीक्षक लखनऊ, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ,पुलिस अधीक्षक(प्रोटोकॉल) लखनऊ, प्रधानाचार्यों क्रमश: राजकीय हुसैनाबाद इंटर कॉलेज लखनऊ एवं अमीनाबाद इंटर कॉलेज लखनऊ के कुशल देखरेख में दिनांक 28 अप्रैल 2019 को शत-प्रतिशत नकलविहीन परीक्षा कुशलता पूर्वक सम्पन्न कराया गया |

उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान प्रचलित/ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) का सम्पूर्ण योजनाएँ/कार्ययोजनाएं/अन्य राष्ट्र स्तरीय परिधि में होने के कारण उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान द्वारा वस्तु एवं सेवा कर को प्रस्तुत किए गए पत्रांक - ००७/ के०कृ०वि०सं०/के०आ०(उ० वि०)/ २०१९-२० दिनांक १२/०६/२०१९ के क्रम में उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान का ट्रेड नाम भारत सरकार के अनुमोदनोपरांत केंद्रीय कृषि विकास संस्थान संशोधित करते हुए संस्थान द्वारा प्रस्तुत किये गए विभिन्न प्रस्ताव की संस्तुति/स्वीकृति के क्रम में भारत राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित राष्ट्र स्थापित होने के/तक कृषि /कृषकों के अंश उद्देश्यों हेतु भारत सरकार द्वारा स्वायत्तता प्राप्त संस्थान के रूप में कृषि/कृषकों अथवा संस्थान के निहित उद्देश्यों की पूर्ति/सम्पूर्ति हेतु स्वतंत्र केन्द्रीय एजेंसी के रूप में स्थायी रूप से कार्य करेगी, का अनुमोदन प्राप्त हुआ |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) द्वारा संस्थान के केंद्रीय मुख्यालय की स्थापना हेतु श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार के आदेश डायरी संख्या 472175 दिनांक 17-01-2020 के माध्यम से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद कृषि भवन नई दिल्ली द्वारा जारी डायरी संख्या 366924/स0म0(त0स0) दिनांक 23-03-2020 द्वारा केन्द्रीय मुख्यालय की NCR में खरीददारी हेतु वाणिज्य मंत्रालय को वित्त उपलब्ध कराये जाने बावत संस्थागत कार्यवाही कराई गई |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) द्वारा श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार नई दिल्ली को बजट उपलब्ध कराये जाने बावत दिनांक 20-08-2019 को प्रस्तुत किए प्रस्ताव पर जारी आदेश डायरी संख्या 438536 दिनांक 29-08-2019 के क्रम में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के आदेश फ़ाइल संख्या 12033/69/2019-पी0सी0 दिनांक 07-11-2019 को आदेश जारी हुआ तत्क्रम में संस्थान द्वारा खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली के विभिन्न बैठकों में संस्थागत अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय 01(एक) उच्च स्वचालित मेगा फूड पार्क की स्थापना का प्रावधान किया गया |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) द्वारा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को संस्थान के पत्रांक 06/के0कृ0वि0सं0/2020-21 दिनांक 03-02-2020 के तहत संस्थान को राष्ट्रीय सूचना केंद्र द्वारा आधिकारिक सामूहिक मेल एवं वेबसाइट उपलब्ध कराये जाने बावत प्रस्ताव पर मंत्रालय के डायरी संख्या 451914 दिनांक 13-02-2020 के क्रम में मंत्रालय से महानिदेशक राष्ट्रीय सूचना केंद्र को जारी आदेश संख्या 10(16)/2018-EG-II दिनांक 26-02-2020 के क्रम में संस्थान को शासकीय ईमेल आईडी director@cagdi.in प्राप्त हुआ |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) द्वारा कोरोना काल के दौरान 2167 विभिन्न पदों पर साक्षात्कार माध्यम से नियुक्ति हेतु निःशुल्क आवेदन ईमेल माध्यम से आमंत्रित किए गए | तत्क्रम संस्थान को श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा स्वायत्तता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम के रूप में अनुमोदन प्राप्त हुआ | तत्क्रम में राष्ट्रीय कैरियर सेवा श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जॉब आईडी 15V79-1357159302290J द्वारा 2167 पदों की स्वीकृति प्रदान हुई |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) द्वारा श्रीमान निजी/प्रमुख सचिव भारत सरकार नई दिल्ली को दिनांक 15 अप्रैल 2020 को संस्थान द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रस्ताव पर माननीय प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी आदेश संख्या पी0एम0ओ0पी0जी0/डी0/2020/0101494 दिनांक 20 मई 2020 में संस्थान को अधीनस्थ संगठन के रूप में चिन्हित किया गया |

उपरोक्त संस्थागत आंशिक इतिहास प्रस्तुत किया जा रहा है, एवं अन्य शोध/कार्यवाही प्रचलन में हैं | समस्त शोध/जांच/कार्यवाही में विभिन्न उच्चस्तरीय/अन्य शासकीय/अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों/अन्य के सहयोग/स्वीकृतियां/अनापत्ति/अन्य अथवा मंत्रालयीय/विभागीय सहयोग/स्वीकृति/अनापत्ति/अन्य प्राप्त हुई | केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) माननीय प्रधानमंत्री जी भारत सरकार नई दिल्ली एवं माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ के संरक्षण में अथवा आदेशानुसार/निर्देशानुसार/अपेक्षानुसार भारत राष्ट्र को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विकसित राष्ट्र स्थापित होने तक/के कृषि/कृषकों के अंश उद्देश्यों हेतु भारत सरकार द्वारा स्वायत्तता प्राप्त संस्थान के रूप में कृषि/कृषकों अथवा संस्थान के निहित उद्देश्यों की पूर्ति/संपूर्ति हेतु ज़ीरो टॉलरेंस अथवा ज़ीरो करप्सन बेस्ड पॉलिसी (ज़ेड0सी0बी0पी0) के क्रम में संस्थान स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी के रूप में स्थायी रूप से कार्य कर रही है अथवा स्वायत्तता प्राप्त केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम के रूप में भारत सरकार द्वारा अनुमोदित है | इसके साथ ही साथ संस्थान द्वारा विभिन्न विभागीय/अन्य शासकीय/अशासकीय कार्यवाही प्रचलित है | जनहितार्थ सूचनाएँ समय-समय पर सर्व साधारण हेतु विभिन्न माध्यमों से सुलभ उपलब्ध कराई जाती रहेंगी | संस्थान द्वारा घोषित निवेश/योजनाएँ अथवा अन्य के क्रम में निवेश/निवेशक हितलाभ, रोजगार हितलाभ अथवा अन्य समस्त तथ्यों में निहित हितलाभ पर संस्थान प्रतिबद्ध/वचनबद्ध है |

औद्योगिक विकास विभाग द्वारा जारी शासनादेश/कार्यवाही

औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति - 2017 (संख्या-22/2017/869/18-2-2017-80(ल0उ0)/2017) के अंतर्गत उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) को उत्तर प्रदेश शासन से जारी शासनादेश संख्या 2849/77-6-2020-एल.सी. 61/2017 दिनांक 28 सितंबर 2020 के क्रम में उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान (वर्तमान ट्रेड नाम केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान) एवं उत्तर प्रदेश राज्य सरकार की ओर से उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग उत्तर प्रदेश लखनऊ के पत्रांक खा.प्र.उ.नि. 19-21 /2018-19 दिनांक 06 अप्रैल 2018 के क्रम में संस्थागत चिन्हित/पंजीकृत कृषकों का कृषि कच्चा/अन्य उत्पाद (संस्थागत योजना में शामिल) को न्यूनतम/अन्य समर्थन मूल्य पर संस्थागत स्थापित होने वाले प्रस्तावित कृषक सेवा केंद्र/मिनी कलेक्शन सेंटर/मिल्क कलेक्शन सेंटर पर आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस माध्यम से ख़रीददारी सुनिश्चित कराना, ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सृजित करते हुए स्वरोजगार की उपलब्धता को बढ़ाना |

दुग्ध एवं कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र में @183 करोड़ का अतिरिक्त निवेश (औद्योगिक/अन्य) सुनिश्चित कराना |



ज़ीरो करप्सन बेस्ड पॉलिसी (ज़ेड0सी0बी0पी0) के अंतर्गत कार्यवाही

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) के ज़ीरो करप्पसन बेस्ड पॉलिसी (ज़ेड0सी0बी0पी0) के अंतर्गत अथवा अन्य विधिक मामलों का न्याय क्षेत्र वर्तमान में लखनऊ है | केन्द्रीय मुख्यालय के स्थापित होने के उपरांत विधिक मामलों का न्याय क्षेत्र ग्रेटर नोएडा एन0सी0आर0 उत्तर प्रदेश होगा एवं राज्य स्तरीय मुख्यालयों के निर्माण अथवा स्थापना (समस्त श्रेणी) उपरांत संबन्धित राज्य अपने-अपने न्याय क्षेत्र को घोषित कर सकेगा |

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान (संशोधन पूर्व प्रचलित/ट्रेड नाम उत्तर प्रदेश कृषि विकास संस्थान) उपरोक्त तथ्यों/विवरणों पर सर्वाधिकार सुरक्षित रखता है |` लिपिकीय/अन्य त्रुटि के मामलों में प्राप्त सूचना के आधार पर नियमानुसार कार्यवाही सुनिश्चित कराई जा सकेगी |

केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय हेतु महत्वपूर्ण सूचना

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा निजी केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय की स्थापना हेतु दिनांक 17 जनवरी 2020 में श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार नई दिल्ली के सम्मुख प्रस्तुत किये गए खरीद प्रस्ताव पर जारी आदेश डायरी संख्या 472175 दिनांक 17 जनवरी 2020 के तहत केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान से जारी प्रस्ताव पत्रांक 43/के.कृ.वि.सं./2019-20 दिनांक 20 जनवरी 2020 के क्रम में श्रीमान सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्तरीय जारी स्वीकृति/सुझाव आदेश पत्र संख्या 366924/स.म.(त.स.) दिनांक 23.03.2020 तत्क्रम श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार नई दिल्ली 106/के.कृ.वि.सं./2019-20 दिनांक 26 फरवरी 2020 को खरीद कार्यवाही विषयक आख्या/प्रस्ताव/रिपोर्ट अथवा संस्थागत स्वीकृति प्रदान की गयी । मा.मुख्यमंत्री जी उ.प्र.शासन को केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय की स्थापना हेतु खरीद प्रस्ताव पर जारी आदेश संख्या CRCD000732687864 दिनांक 30 जनवरी 2020 के क्रम में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के आदेश पत्रांक-ग्रे.नो./संस्थागत/2020/995 दिनांक 04.02.2020 कार्यवाही सम्पन्न करायी जा चुकी है। तत्क्रम केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय का एन.सी.आर. के ग्रेटर नोएडा में स्थापना हेतु मा.मुख्यमंत्री जी उ.प्र.शासन के कार्यालय से दिनांक 27 जून 2022 में जारी CRCF0013886793 के क्रम में दिनांक 27 जुलाई 2022 में विभिन्न कार्यवाही पश्चात केंद्रीय कार्यालय के नियंत्रणाधीन केंद्रीय मुख्यालय का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है | केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय अथवा वैश्विक स्तरीय केंद्रीय कार्यालय हेतु श्रीमान प्रमुख सचिव माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन CRCD000561464368 दिनांक 27.01.2022 के क्रम में लखनऊ उत्तर प्रदेश में केंद्रीय कार्यालय प्रस्तावित अथवा कार्यवाही प्रचलित है। केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा केंद्रीय कार्यालय के नियंत्रणाधीन वैश्विक स्तरीय केंद्रीय वित्तीय कार्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थापना प्रस्तावित है।

   सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |     सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |     सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |    सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |