CAGDI का FAQ

CAGDI

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (विकसित राष्ट्र स्थापना लक्ष्यों हेतु केंद्रीय एजेन्सी के रुप में भारत सरकार द्वारा स्वायत्तता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम)

CAGDI का FAQ

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की संस्थागत प्रश्नोत्तरी

1. CAGDI क्या है ?

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (CAGDI) भारत सरकार द्वारा स्वायत्ता प्राप्त सार्वजनिक क्षेत्रीय उद्यम है |


2. केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (CAGDI) की अवधारणा क्या है ?

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (CAGDI) की अवधारणा में भारतीय कृषको की आय को केन्द्र/राज्य सरकार अथवा सरकारों,संस्थागत नीतियों/योजनाओं अथवा संयुक्त योजनाओं का जीरो करप्सन बेस्ड पॉलिसी के तहत दोगुना या अन्य आय बढ़ाना है और वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास या जीडीपी को बढ़ावा देना है।


3. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान मे सम्मिलित विभाग कौन कौन है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान राज्य स्तरीय विभाग यथा कृषि विभाग,दुग्ध विभाग,पशुधन विभाग,खाद्य एवं रसद विभाग,उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग,पर्यावरण विभाग,गृह विभाग,उच्च शिक्षा विभाग,आयुष विभाग,स्वास्थ्य विभाग आदि से अनापत्ति/स्वीकृति/अनुमोदन प्राप्त है । केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों यथा वित्त मंत्रालय,खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय,कृषि मंत्रालय,पशुधन मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय,श्रम मंत्रालय आदि से स्वीकृति प्राप्त है । केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान माननीय प्रधानमन्त्री कार्यालय से स्वायत्तता प्राप्त अधीनस्थ शासकीय संगठन के रूप मे चिन्हित है।


4. केंद्रीय कृषि विकास संस्थान किन मंत्रालय के सहयोग से योजनाओ को कार्यान्वयित करेगा ?

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान, भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और राज्य सरकारों और अन्य के सहयोग से, कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में सीमांत ,अतिनिर्बल/निर्बल/मझोले बैंक टर्न ओवर पर आधारित अति अल्पआय/अल्प आय वर्ग कृषको अथवा अन्य कृषको हेतु केंद्र/राज्य सरकार अथवा सरकारों,संस्थागत योजनाओं अथवा संयुक्त योजनाओं को लागू करेगा।


5. मुख्यत: ग्रामीण व्यवसाय को किन माध्यमों से सृजित किया जा सकता है ?

ग्रामीण व्यवसाय व दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों को अत्याधुनिक संचार, ऊर्जा एवं कृषि तथा कृषि से संबन्धित क्षेत्रों के विकास लिए विकसित की गई जनहितोपयोगी योजनाओं को धरातल पर स्थापित करके ग्रामीण व्यवसाय को सृजित किया जा सकता है |


6. कृषकों को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने वाले मुख्य कारक कौन से है ?

किसान आत्महत्याओं के पीछे महत्व के क्रम में व्यक्त कारण थे - कर्ज, शराब की लत, पर्यावरण, कम उपज की कीमतें, तनाव और पारिवारिक जिम्मेदारियां, उदासीनता, खराब सिंचाई, खेती की बढ़ी हुई लागत, निजी साहूकार, रासायनिक उर्वरकों का उपयोग और फसल की विफलता।


7. बैंक से होने वाली ऋण की समस्या को किस प्रकार न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया जा सकता है ?

बैंकिंग क्षेत्र के कृषि क्षेत्र से संबन्धित ऋण की भृष्टाचार रहित उपलब्धता सुनिश्चित करके तथा लाभार्थी जन को ऋण के समयानुकुलीय परिस्थितिजन्य अवसरों में निवेश के उचित मार्गदर्शन से बैंक से होने वाली ऋण की समस्या को न्यूनतम स्तर पर पहुंचाया जा सकता है |


8. गाँव मे किये जाने वाले किन -किन व्यवसाय को संस्थान द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है?

ग्रामीण क्षेत्रों के कृषि एवं कृषि से संबन्धित सभी क्षेत्रों को केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की योजनाओं द्वारा लाभ पहुंचाया जा सकता है |


9. किन माध्यम से प्रशिक्षण देकर कृषकों को कृषि कार्य के लिए प्रेरित किया जा सकता है ?

अति दुर्बल, दुर्बल, लघु व सीमांत कृषकों को भृष्टाचार रहित वित्तीय व कृषि एवं संबन्धित क्षेत्र की जमीनी स्तर पर आधुनिक तकनीकी एवं परिवहन सहायता एवं अन्य सहयोग/सेवा प्रदान करके कृषकों को कृषि कार्य हेतु प्रेरित किया जा सकता है |


10. DEDS योजना क्या है ?

पशुपालन, डेयरी और मत्स्य विभाग डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार के अवसर पैदा करने के लिए डेयरी उद्यम विकास योजना (डीईडीएस) लागू कर रहा है, जिसमें दूध उत्पादन, खरीद, संरक्षण, परिवहन, प्रसंस्करण और दूध के विपणन में वृद्धि जैसी गतिविधियों को शामिल किया गया है। बैंक योग्य परियोजनाओं के लिए बैक एंडेड पूंजी सब्सिडी प्रदान करना। यह योजना राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है।


11. PUBLIC INVESTMENT क्या है ?

सार्वजनिक निवेश, राज्य द्वारा विशेष संपत्ति में निवेश, चाहे केंद्र या स्थानीय सरकारों के माध्यम से या सार्वजनिक स्वामित्व वाले उद्योगों या निगमों के माध्यम से।


12. O.D.O.P का अर्थ क्या है ?

एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) कार्यक्रम ।


13. नीति आयोग क्या है ?

नेशनल इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया, जिसे NITI Aayog भी कहा जाता है, का गठन 1 जनवरी, 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक प्रस्ताव के माध्यम से किया गया था। NITI Aayog भारत सरकार की प्रमुख नीति 'थिंक टैंक' है, जो दिशात्मक और नीति इनपुट दोनों प्रदान करती है।


14. वर्मी कम्पोस्ट क्या है ?

वर्मी कम्पोस्टिंग एक प्रकार की खाद है जिसमें केंचुओं की कुछ प्रजातियों का उपयोग जैविक अपशिष्ट रूपांतरण की प्रक्रिया को बढ़ाने और बेहतर अंत-उत्पाद का उत्पादन करने के लिए किया जाता है। यह सूक्ष्मजीवों और केंचुओं का उपयोग करने वाली एक मेसोफिलिक प्रक्रिया है। केंचुए कार्बनिक अपशिष्ट पदार्थों को खिलाते हैं और इसे अपने पाचन तंत्र से गुजरते हैं और एक दानेदार रूप (कोकून) में देते हैं जिसे वर्मीकम्पोस्ट के रूप में जाना जाता है


15. कम्पोस्ट खाद कितने माह मे तैयार किया जा सकता है ?

कम्पोस्ट सिस्टम में रखी गई सामग्री के आकार, प्रबंधन की डिग्री और इच्छित उपयोग के आधार पर, खाद एक से 12 महीने के बाद कहीं भी उपयोग के लिए तैयार है। शीर्ष ड्रेसिंग या गीली घास के रूप में उपयोग की जाने वाली खाद को कम से कम समय के बाद लगाया जा सकता है।


16. NNKBGS क्या है ?

नॉन एन.पी.ए.कृषक बैंकिंग गारंटी योजना संस्थागत योजनाओं मे शामिल कृषक मुफ्तखोरी नियंत्रण नीति है ।


17. Synthetic दूध क्या है ?

सिंथेटिक दूध ग्लूकोज, यूरिया, रिफाइंड तेल, मिल्क पाउडर और पानी को मिलाकर बनाया जाता है। हाइड्रोजन पेरोक्साइड सहित अन्य रसायनों का भी उपयोग किया जाता है।

सिंथेटिक दूध दूध नहीं है, बल्कि दूध की मात्रा बढ़ाने के लिए प्राकृतिक दूध की एक कृत्रिम नकल है जिसमें उच्च मात्रा में मिलावट होती है और इससे लाभ होता है। सिंथेटिक दूध के मुख्य घटक पानी, चूर्णित डिटर्जेंट या साबुन, सोडियम हाइड्रॉक्साइड, वनस्पति तेल, नमक और यूरिया हैं। इनमें से अधिकांश घटक जैसे यूरिया, न्यूट्रलाइज़र और डिटर्जेंट मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक हैं। वर्तमान में सिंथेटिक दूध तैयार करने का काम ग्रामीण स्तर पर किया जाता है, लेकिन यह तेजी से विभिन्न भारतीय राज्यों के शहरी क्षेत्रों में फैल रहा है।


18. दलहन की फसल क्या है ?

दलहन एक प्रकार की फलीदार फसल है जो केवल सूखे बीज के लिए काटी जाती है। सूखे सेम, दाल और मटर सबसे अधिक ज्ञात और खपत वाली दालें हैं।

दलहन में वे फसलें शामिल नहीं हैं जिन्हें हरी (जैसे हरी मटर, हरी फलियाँ) काटा जाता है - इन्हें सब्जी फसलों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है


19. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की सुरक्षा सेवाओ से संबन्धित इकाई क्या है ?

केंद्रीय कृषि औद्योगिक सुरक्षा बल, केंद्रीय कृषि विकास संस्थान की प्रस्तावित वैश्विक स्तर की सुरक्षा इकाई है।


20. APMC का क्या अर्थ है ?

कृषि उत्पाद बाजार समिति ए.पी.एम.सी .का हिन्दी अर्थ है ।


21. DAC & FW क्या है ?

कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग (DAC&FW) कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तीन घटक विभागों में से एक है, अन्य दो विभाग कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE) और पशुपालन विभाग हैं।


22. तिलहन की फसले कौन सी है ?

प्रमुख तिलहन फसलें सोयाबीन, सूरजमुखी, ब्रैसिका, कैनोला, नारियल, तेल पाम, रेपसीड, मूंगफली, चावल और कपास हैं। यह अध्याय तिलहन फसलों की वृद्धि और इन फसलों से प्राप्त तेल के उपयोग से संबंधित है।


23. ग्रामीण पलायन के क्या कारण है ?

ग्रामीण क्षेत्रों में कृषकों एवं युवाओं द्वारा कृषि कार्य से मोह भंग होने के लिए कृषि के लाभप्रद व्यवसाय के रूप में स्थापित ना होना तथा सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि व कृषि से संबन्धित क्षेत्रों के विकास के लिए आधुनिक ढांचे का अविकसित रूप में होना ग्रामीणों को शहरों की ओर पलायन के लिए प्रेरित करता है |
इसके साथ ही साथ ग्रामीण स्तर पर वित्तीय, जैविक स्वास्थ्य से संबन्धित परिस्थियों के लिए उचित समाधान व परामर्श की अनुपलब्धता ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के मन में मुख्य धारा से अलग होने का भाव उत्तपन्न करती है जिसके क्रम में महत्वाकांक्षी युवा ग्रामीण क्षेत्रों से पलायन कर जाते है तथा अन्य मित्रगणोंको भी प्रेरित करते पाये जाते हैं |


24. एम.एस.पी. क्या है ?

एमएसपी एक न्यूनतम मूल्य गारंटी है जो किसानों के लिए सुरक्षा जाल अथवा गारंटी के रूप में कार्य करता है जब वे विशेष फसल बेचते हैं। ये फसलें सरकारी एजेंसियों द्वारा किसानों को एक वादा किए गए मूल्य पर खरीदी जाती हैं और एमएसपी को किसी भी स्थिति में नहीं बदला जा सकता है। इसलिए एमएसपी की अवधारणा देश में किसानों की उन स्थितियों में रक्षा करती है जहां फसल की कीमतों में भारी गिरावट आती है।


25. O.D.O.P. क्या है ?

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूरी प्रदान करने तथा एक जिले में उपस्थित उद्यमिता की सभी संभावनाओं को वैश्विक स्तर पर चिन्हित किए जाने के लिए, आत्मनिर्भर भारत की अवधारणा को अंगीकार करने हेतु एक जिला एक उत्पाद योजना का निर्माण किया गया है |


26. राष्ट्र कृषि बीमा योजना क्या हैं ?

कृषि उत्पादन में होने वाले विभिन्न जोखिमों को ध्यान में रखते हुए कृषि मंत्रालय राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) को, किसानों को इन जोखिमों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करने के लिए वर्ष 1999-2000 के रबी मौसम से, केन्द्रीय क्षेत्रक योजना के रूप में लागू कर रहा है।


27. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की योजनाओं से किस प्रकार के कृषक वर्ग लाभान्वित होंगे?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की योजनाओं से देश के सीमांत, निर्धन, अति दुर्बल आय वाले चिन्हित कृषकों लाभान्वित होंगे | केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान ऐसे कृषकों की आय में वृद्धि कराते हुए राष्ट्र की सकल घरेलू उत्पाद में योगदान सुनिश्चित करने के लिए धरातल पर कार्य कर रहा है |


28. DBT का माध्यम क्या है?

डीबीटी लाभार्थी के बैंक खाते में संस्थान द्वारा संस्तुति किए गए धनराशि को विभिन्न विभागों अथवा संबन्धित विभाग द्वारा खाते मे भेजने की ऑनलाइन व्यवस्था है |


29. खाता न होने की दशा में किसानों को लाभ कैसे मिलेगा ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान प्रत्येक पंजीकृत कृषक या मजदूर को सभी प्रकार के अंतरण उनके बैंक खाते में ऑनलाइन रूप से करना सुनिश्चित करेगा | खाता न होने की दशा में संस्थान यह सुनिश्चित करेगा कि लाभार्थी का अपना बैंक अकाउंट हो और वह उसे स्वयं ऑपरेट करने के लिए पर्याप्त रूप से शिक्षित हो |


30. किस योजना के अन्तर्गत सुरक्षित निवेश की व्यवस्था प्राविधानित है ?

संस्थान की DEDS, उत्तर प्रदेश दुग्ध नीति-2018 ,MSP पर फसल खरीद व औषधीय कृषि उत्पाद योजना,ग्रेड स्कीम,पशुधन विकास नीति/योजना अथवा अन्य योजनाओं के अंतर्गत केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान में सुरक्षित निवेश प्रावधानित है |


31. शिकायत झूठी पाये जाने पर क्या किसान पर भी लागू होगा ज़ेडसीबीपी ?

हाँ | ईर्ष्या, लोभ, द्वेष आदि से प्रेरित या जांच के दौरान अपुष्ट एवं झूठी शिकायत के पाये जाने पर शिकायतकर्ता भी शून्य भ्रष्टाचार आधारित नीति के अंतर्गत दोषी के रूप में चिन्हित किया जाएगा | इसके साथ ही साथ कृषकों द्वारा झूठी शिकायत के लिए प्रेरित करने वाले उत्प्रेरक के स्थिति आदि से संबन्धित जांच लागू होगा |


32. लाभान्वित होने वाले राज्यों की संख्या कितनी है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान का कार्य क्षेत्र सम्पूर्ण भारत वर्ष है | क्रमिक विकास के अंतर्गत वर्ष 2024 तक संस्थान अपनी सभी योजनाओं को सम्पूर्ण भौगोलिकीय क्षेत्र पर लागू करने के लिए कार्य कर रहा है | वित्तीय वर्ष 2021-22 में लाभान्वित राज्यों की संख्या उत्तर प्रदेश,गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, हिमांचल प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली , हरियाणा, कर्नाटक एवं बिहार है |


33. गैर निष्पादित परिसम्पति क्या है ?

गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) उन ऋणों या अग्रिमों के वर्गीकरण को संदर्भित करती है जो डिफ़ॉल्ट रूप से या बकाया राशि में हैं। एक ऋण बकाया है जब मूलधन या ब्याज भुगतान देर से या चूक जाता है। एक ऋण डिफ़ॉल्ट रूप से होता है जब ऋणदाता ऋण समझौते को तोड़ा हुआ मानता है और देनदार अपने दायित्वों को पूरा करने में असमर्थ होता है।


34. ZCBP का पूर्ण अर्थ क्या है ?

जीरो करप्शन बेस्ड पॉलिसी के अन्तर्गत प्रशासकीय/प्रबन्धकीय/शासकीय/अर्धशासकीय/संस्थानिक/अन्य में भ्रष्टाचार/अनुशासनहीनता/अन्य आदि के मामलों में शिकायत प्राप्ति के उपरान्त निलम्बन (सस्पेंशन) पद्धति को समाप्त करते हुए उसके स्थान पर बर्खास्तगी की कार्यवाही के उपरान्त जॉंच की पद्धति को विकसित किये जाने की संस्थागत नीति है।


35. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान का लक्ष्य क्या है ?

केंद्रीय कृषि विकास संस्थान (CAGDI) का लक्ष्य भारतीय कृषको की आय को दोगुना अथवा अन्य आय को बढ़ाना है और वैश्विक स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास या जीडीपी को बढ़ावा देना है। इसका उद्देश्य भारत के किसानों और कुशल/अर्ध-कुशल/गैर-कुशल श्रमिकों के लिए केंद्र/राज्य सरकारों और सीएजीडीआई योजनाओं या संयुक्त योजनाओं को लागू करना है।


36. किसान क्रेडिट कार्ड एन0पी0ए0 क्यों हो जाता है? इसका मुख्य कारण क्या है?

किसान क्रेडिट कार्ड के एन.पी.ए. होने के कई कारण हो सकते हैं । इनमें मुख्यतः क्रेडिट कार्ड से लिए गए ऋण को ऐसी व्यवस्थाओं में उपयोग में ना लाना जो क्रेडिट कार्ड की देनदारियों को ध्यान में रखकर नहीं की गई थी | क्रेडिट कार्ड के ऋण के उपभोग में बरती गई वित्तीय अनियमितता व नैतिक व्यवहार की कमी किसान क्रेडिट कार्ड के एन.पी.ए. हो जाने के प्रति दोषी है |


37. जैविक खाद का प्रयोग कम क्यों होता है?

एक मिट्टी के पीएच को बढ़ाकर, माइक्रोबियल विकास को प्रोत्साहित किया जा सकता है, जो बदले में जैविक प्रक्रियाओं को बढ़ाता है, जिससे पोषक तत्व मिट्टी के माध्यम से अधिक स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होते हैं। जब पोषक तत्व स्वतंत्र रूप से प्रवाहित होते हैं तो वे पौधों के लिए अधिक सुलभ होते हैं और इसलिए पौधों के स्वास्थ्य और द्रव्यमान को बढ़ा सकते हैं। इस प्रकार से जैविक खाद मृदा की उर्वरता को बढ़ाने व संरक्षण के लिए अत्यंत प्रभावी रूप से कार्य करती है |


38. DEDS योजना के अंतर्गत दुग्ध उत्पादन की न्यूनतम और अधिकतम क्षमता क्या है ?

डेयरी इंटर प्रीन्योरशिप डेवलपमेण्ट स्कीम(D.E.D.S.) के विस्तृत जानकारी हेतु केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान के आधिकारिक वैबसाइट https://www.cagdi.in पर विजिट करें अथवा http://www.nabard.org पर विजिट करें ।


39. आयुष मंत्रालय का कार्यक्षेत्र कितना है ?

आयुष मंत्रालय के उद्देश्यों और कार्यों में शामिल हैं:

राष्ट्रीय और सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों के कार्यान्वयन को मजबूत करना।

विभिन्न सुविधाओं की कार्यक्षमता को मजबूत करने के लिए

पूरे विश्व में सिद्ध चिकित्सा पद्धति के विकास और विकास को बढ़ावा देना।

सिद्ध चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर अनुसंधान संचालन को बढ़ावा देना।

स्नातकोत्तर छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाला शिक्षण प्रदान करना।

आधुनिक विज्ञान के विषयों में ज्ञान और अनुसंधान योग्यता वाले स्नातकोत्तर छात्रों को बढ़ावा देना।

लागत प्रभावी सेवाओं के माध्यम से आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देना और आयुष अस्पतालों और औषधालयों के उन्नयन के माध्यम से सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करना।

शिक्षा प्रणालियों को मजबूत करना और यूनानी, सिद्ध और आयुर्वेद के गुणवत्ता नियंत्रण की सुविधा प्रदान करना।


40. पी0पी0पी0 माडल क्या है ?

सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) एक सार्वजनिक बुनियादी ढांचा परियोजना जैसे कि एक नई दूरसंचार प्रणाली, हवाई अड्डे या बिजली संयंत्र के लिए एक वित्त पोषण मॉडल है। सार्वजनिक भागीदार का प्रतिनिधित्व सरकार द्वारा स्थानीय, राज्य और/या राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। निजी भागीदार एक निजी स्वामित्व वाला व्यवसाय, सार्वजनिक निगम या विशेषज्ञता के विशिष्ट क्षेत्र वाले व्यवसायों का संघ हो सकता है।


41. क्या केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान पर सातवाँ वेतन आयोग लागू होगा ।

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा स्वीकृत विभिन्न संविदा/अन्य पदों हेतु मानदेय/अन्य पारिश्रमिक देय होगा । चयनित अभ्यर्थियों को विभिन्न चरणों मे जीरो करप्सन बेस्ड पॉलिसी के अन्तर्गत मूल्यांकन पर्यन्त संस्थागत अथवा भारत सरकार के अनुमोदनोपरांत सातवाँ वेतन आयोग लागू हो सकेगा ।


42. एफ0डी0आई0 में निवेश किस प्रकार का हो गा ?

विदेशी प्रत्यक्ष निवेश विभिन्न तरीकों से किया जा सकता है, जिसमें एक विदेशी देश में एक सहायक या सहयोगी कंपनी खोलना, किसी मौजूदा विदेशी कंपनी में एक नियंत्रित हित प्राप्त करना, या किसी विदेशी कंपनी के साथ विलय या संयुक्त उद्यम के माध्यम से शामिल है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आमतौर पर क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या समूह के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। एक क्षैतिज प्रत्यक्ष निवेश एक विदेशी देश में उसी प्रकार के व्यवसाय संचालन की स्थापना करने वाले निवेशक को संदर्भित करता है जैसा कि वह अपने देश में संचालित करता है
एक ऊर्ध्वाधर निवेश वह है जिसमें निवेशक के मुख्य व्यवसाय से अलग लेकिन संबंधित व्यावसायिक गतिविधियाँ किसी विदेशी देश में स्थापित या अधिग्रहित की जाती हैं, जैसे कि जब कोई निर्माण कंपनी किसी विदेशी कंपनी में रुचि प्राप्त करती है जो निर्माण कंपनी के लिए आवश्यक भागों या कच्चे माल की आपूर्ति करती है। इसके उत्पाद बनाने के लिए
एक समूह प्रकार का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश वह है जहां एक कंपनी या व्यक्ति एक ऐसे व्यवसाय में विदेशी निवेश करता है जो अपने देश में अपने मौजूदा व्यवसाय से संबंधित नहीं है।
संस्थागत योजनाओं में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के स्थान पर ब्याज आधारित विदेशी निवेश स्वीकार करती है ।


43. एम0ओ0यू0 क्या है ?

एक समझौता ज्ञापन एक औपचारिक दस्तावेज में उल्लिखित दो या दो से अधिक पक्षों के बीच एक समझौता है। यह कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है लेकिन अनुबंध के साथ आगे बढ़ने के लिए पार्टियों की इच्छा का संकेत देता है।


समझौता ज्ञापन को वार्ता के शुरुआती बिंदु के रूप में देखा जा सकता है क्योंकि यह वार्ता के दायरे और उद्देश्य को परिभाषित करता है। इस तरह के ज्ञापन अक्सर अंतरराष्ट्रीय संधि वार्ताओं में देखे जाते हैं, लेकिन विलय वार्ता जैसे उच्च-दांव वाले व्यापारिक सौदों में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।


44. DPR क्या है ?

विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) प्रस्ताव एक परियोजना के लिए एक बहुत विस्तृत और विस्तृत योजना है जो परियोजना के लिए आवश्यक समग्र कार्यक्रम, विभिन्न भूमिकाओं और जिम्मेदारियों, गतिविधियों और संसाधनों को दर्शाती है।


45. ऑन लाईन निगरानी क्या है ?

यह प्रणाली प्रत्येक परियोजना के बारे में सभी प्रासंगिक सूचनाओं को एक प्रणाली में संकलित करती है। फिर इन डेटा को प्रत्येक उपयोगकर्ता के उपयोगकर्ता अधिकारों और उन्हें क्या जानने की आवश्यकता के आधार पर विभिन्न उपयोगकर्ताओं (लाभार्थियों, समितियों, नियंत्रकों, संयुक्त सचिवालय आदि) द्वारा एक्सेस किया जा सकता है। सभी परियोजना प्रबंधन (जैसे परियोजना आवेदन, रिपोर्टिंग, परिवर्तन, प्रथम स्तर नियंत्रण पदनाम, दिन-प्रतिदिन संचार) ऑनलाइन निगरानी प्रणाली के माध्यम से होगा और इस अर्थ में प्रणाली पूरी तरह से कार्यक्रम संचालन और गतिविधि के विशाल बहुमत का समर्थन करेगी।


46. निवेश की योजना से होने वाले लाभ किनको और कैसे प्राप्त होगा ?

संस्थागत सुरक्षित निवेश की योजनाओं में निवेश से निवेशक को भारत सरकार की अस्तियों को सृजित करने एवं निवेशक द्वारा किए गए निवेश पूर्णतया शासकीय व्यवस्थाओं के अधीन सुरक्षित है |


47. एम0एस0पी0 क्या है? इसकी उपयोगिता क्या है ?

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) भारत सरकार द्वारा किसानों के फसलों की खरीद पर भुगतान की जाने वाली एक निश्चित कीमत है। यह बुवाई के मौसम से पहले कृषि वस्तुओं के उच्च निवेश और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए निर्धारित किया जाता है


48. एम0एस0पी0 योजना के अन्तर्गत कौन-कौन से खाद्यय फसल सम्मिलित है ?

वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए केंद्र सरकार द्वारा जारी एमएसपी पर खरीदी के लिए खाद्य फसलों एवं अन्य मदों की सूची:
धान, ज्वार, बाजरा, मक्का, रागी, अरहर (अरहर), मूंग, उड़द, कपास, खोल में मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन, तिल, नाइजरसीड, गेहूं, जौ, चना, मसूर (मसूर), रेपसीड और सरसों, कुसुम , तोरिया, खोपरा, भूसी से रहित नारियल, गन्ना, आलू, प्याज, लहसुन, जीरा, बड़ी इलायची, छोटी इलायची, धनिया, हल्दी |

सूची समय-समय पर अद्यतन होने के अधीन है।

संस्थागत ई-कॉमर्स के अंतर्गत श्रेणीवार कुल 108 प्रकार के समयानुकूलीय परिवर्तनों के आधार पर खाद्य पदार्थों को सम्मिलित किया गया है |


49. दुग्ध कलेक्शन सेंटर क्या है ?

दुग्ध कलेक्शन सेंटर संस्थागत न्याय पंचायत स्तरीय दुग्ध संग्रह की इकाई है |


50. दुग्ध कलेक्शन सेंटर का कार्य क्या है ?

संस्थागत पशुधन एवं दुग्ध योजनांतर्गत पंजीकृत कृषक सदस्यों द्वारा उत्पादित कच्चा दुग्ध संग्रह आदि कार्य किया जाता है |


51. पंचकर्म इकाई क्या है ?

आयुर्वेदिक पंचकर्म या पीके लंबे समय तक चलने वाले स्वास्थ्य लाभ के साथ एक डिटॉक्सिंग प्रोग्राम है। संस्कृत में पंचकर्म का अर्थ है 'पांच क्रियाएं' जो उपचार हैं जो शरीर को शुद्ध करने की आयुर्वेदिक प्रक्रिया का अभिन्न अंग हैं।


52. CAISF क्या है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा स्थापित होने वाले केन्द्र/राज्य सरकार से स्वीकृति प्राप्त प्रस्तावित निम्नलिखित इकाइयों के वाह्य एवं आन्तरिक सुरक्षा (जॉंच सहित) हेतु अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर उच्च गुणवत्तापूर्ण केन्द्रीय कृषि संस्थानिक औद्योगिक सुरक्षा बल [CAISF] के अटूट सुरक्षा कवच का गठन कर सुरक्षा प्रदान किया जाएगा जो समयानुकूलीय परिवर्तन के आधार पर परिवर्तनीय होगा।


53. नीति आयोग क्या है ?

NITI भारत सरकार का एक सार्वजनिक नीति थिंक टैंक है, जिसे बॉटम-अप दृष्टिकोण का उपयोग करके आर्थिक नीति-निर्माण प्रक्रिया में भारत की राज्य सरकारों की भागीदारी को बढ़ावा देकर सहकारी संघवाद के साथ सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है।


54. ग्रेड स्कीम क्या है ?

एक ग्रेडिंग योजना मानदंडों का एक समूह है जो एक पाठ्यक्रम में उपलब्धि के विभिन्न स्तरों को मापता है। खाता-स्तरीय ग्रेडिंग योजनाएँ ग्रेडिंग योजनाएँ हैं जिन्हें संपूर्ण संस्था के लिए खाता या उप-खाता स्तर पर परिभाषित किया जा सकता है। पाठ्यक्रम स्तर पर, प्रशिक्षक छात्रों के अंतिम ग्रेड और व्यक्तिगत असाइनमेंट दोनों के लिए ग्रेडिंग स्कीम लागू कर सकते हैं। ग्रेडिंग योजना के बिना, स्कोर किसी विशिष्ट मानक के विरुद्ध नहीं मापा जाता है।


55. ग्रेड स्कीम का कार्यक्षेत्र क्या है ?

ग्रेड स्कीम का विभिन्न कार्यक्षेत्र हो सकता है ।


56. के0कृ0वि0सं0 के अन्य विभाग कौन से है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान के अन्य विभागों हेतु कृपया संस्थान के आधिकारिक वैबसाइट https://www.cagdi.in पर विजिट करें ।


57. ZCBP में जाँच की अधिकतम समय सीमा क्या है ?

Z.C.B.P. में जाँच की अधिकतम समय सीमा 45 दिनो अथवा संस्थागत आदेशो अथवा वर्गीकृत श्रेणी के आधार पर आधारित होगा ।


58. सहकारिता का क्या अर्थ है ?

एक सहकारी एक निजी व्यवसाय संगठन है जिसका स्वामित्व और नियंत्रण उन लोगों द्वारा किया जाता है जो इसके उत्पादों, आपूर्ति या सेवाओं का उपयोग करते हैं। हालांकि सहकारी समितियां प्रकार और सदस्यता आकार में भिन्न होती हैं, सभी सदस्यों के विशिष्ट उद्देश्यों को पूरा करने के लिए बनाई गई होती है, और सदस्य की बदलती जरूरतों के अनुकूल होने के लिए संरचित हैं। सहकारी समितियों का गठन उन व्यक्तियों द्वारा किया जाता है जो अपनी व्यावसायिक गतिविधियों में ऊर्ध्वाधर एकीकरण प्राप्त करने के लिए आपस में (क्षैतिज समन्वय) समन्वय करते हैं।


59. ZCBP के तहत कितने चरणों मे जाँच होगी ?

शून्य भ्रष्टाचार आधारित नीति के तहत जांच तीन चरणों अथवा संस्थागत अनुमतियों के क्रम में जाँच सुनिश्चित कराया जाना प्रस्तावित है ।


60. प्रति मण्डल दुग्ध भंडारण क्षमता कितनी निर्धारित किया गया है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा प्रति मण्डल दुग्ध भंडारण क्षमता 2 लाख से 20 लाख लीटर प्रस्तावित है |


61. फसल बीमा योंजना का उद्देश्य क्या है ?

फसल बीमा योजना का उद्देश्य कृषकों के क्षति की भरपाई आदि है |


62. वर्मी कम्पोस्ट खाद की विशेषताएँ क्या है ?

मृदा हेतु वर्मी कम्पोस्ट खाद पूर्ण सुरक्षित एवं प्राकृतिक होता है |


63. डी0ई0डी0एस0 योजना के अन्तर्गत डेयरी पार्लरो पर ऋण (अनुदानित) कितनी है ?

कृपया संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर जाएँ |


64. डी0ई0डी0एस0 योजनान्तर्गत पशु क्लीनिकों की अनुमानित संख्या कितनी है ?

कृपया संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर जाएँ |


65. संस्थान की प्रमुख योजनाओ के बारे में बताऐं ?

कृपया संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर जाएँ |


66. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान मे निवेश के क्या लाभ है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा संस्थागत निवेश योजनांतर्गत चक्रवृद्धि ब्याज (संस्थागत निवेश योजना आधारित) केन्द्र/राज्य सरकार अथवा सरकारों अथवा संस्थागत शासकीय योजनाओं में निवेश किए जाने से निवेशित धनराशि पूर्णतः सुरक्षित होगा एवं निवेशकों को उनके द्वारा निवेशित धनराशि के उपयोग स्थान एवं अन्य की जानकारी निवेशकों को संस्थागत उपलब्ध कराये गए लॉगिन पैनल पर उपलब्ध होगा।


67. कितने समय मे भुगतान NEFT और RTGS के माध्यम से कृषकों के खाते मे पहूँचेगा ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा समयानुकूलीय परिवर्तनों के आधार पर पंजीकृत कृषकों के खाते में कृषि उत्पादों का नियमानुसार अथवा अनुबंध के आधार पर लगभग 12-32 घंटे की कार्यावधि में एन.ई.एफ़.टी/आर.टी.जी.एस. के माध्यम से भुगतान का अंतरण सुनिश्चित किया जाएगा |


68. किन माध्यम से ऑन लाईन निगरानी की व्यवस्था की गई है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा संस्थागत योजनाओं के क्रियान्वयन अथवा समस्त प्रकार की इकाइयों का ऑनलाइन निगरानी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (GPS) तकनीक द्वारा ऑन लाईन निगरानी की व्यवस्था प्रस्तावित है |


69. दोगुना आय योजना के अन्तर्गत प्रति ग्राम सभा से कितने किसान होगे ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा समयानुकूलीय/भौगोलिकीय परिवर्तनों के आधार पर न्यूनतम प्रति ग्राम सभा @६० पंजीकृत कृषक (DEDS एवं अन्य दुग्ध नीतियों के क्रम में) लाभान्वित होंगे |


70. बिचौलिया प्रथा को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है ?

देश में पारदर्शी तकनीक अपनाते हुए ग्रामीण स्तर पर रोजगार का सृजन कर बिचौलिया प्रथा को न्यूनतम अथवा समाप्त किया जा सकता है एवं बेरोजगार हुए बिचौलियों को रोजगार (संस्थागत योजना में सम्मिलित) का सशक्त माध्यम उपलब्ध कराते हुए बिचौलिया प्रथा न्यूनतम अथवा समाप्त किया जा सकता है |


71. के0कृ0वि0सं0 द्वारा दुग्ध एवं कृषि नीति DEDS योजनान्तर्गत प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार की संख्या कितनी है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा दुग्ध एवं कृषि नीति DEDS योजनान्तर्गत प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रोजगार की संख्या समयानुकूलीय/भौगोलिकीय परिवर्तनों के आधार पर अथवा संस्थागत वित्त की उपलब्धता के क्रम में संस्थागत लक्षित @3.5 करोड़ स्वरोजगार (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष) में सम्मिलित किया जाएगा |


72. न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीदारी हेतु कृषक सेवा केन्द्र/मिनी कलेक्शन सेन्टर/दुग्ध कलेक्शन सेन्टरों की अनुमानित संख्या कितनी है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर खरीदारी हेतु प्रस्तावित कृषक सेवा केन्द्र/मिनी कलेक्शन सेन्टर/दुग्ध कलेक्शन सेन्टरों की अनुमानित संख्या न्याय पंचायत स्तर अथवा संस्थागत सहमति पर निर्भर है |


73. औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अन्तर्गत कृषको की अनुमानित संख्या कितनी है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अंतर्गत समयानुकूलीय/भौगोलकीय परिवर्तनों के आधार पर प्रति जनपद 10000 (दस हज़ार) पंजीकृत कृषक लक्षित होंगे |


74. औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अन्तर्गत प्रति बीघा या प्रति कृषक अनुमानित लागत कितनी है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अंतर्गत आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आच्छादित औषधीय कृषि फसलों पर प्रति बीघा पर लागत निर्भर है |


75. प्रति बीघा मे प्राप्त हो ने वाली अनुमानित आय कितनी है ?

फसलों के अनुसार प्रति बीघा आय निर्धारित है जो परिवर्तनीय होगी |


76. औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अन्तर्गत वर्ष मे आय कितनी बार प्राप्त होगी ?

औषधीय कृषि उत्पाद योजना के अन्तर्गत वर्ष मे आय लगभग दो बार अनुदान युक्त वार्षिकआय प्राप्त होगी |


77. केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की मार्केटिंग/सेल्स यूनिट के कुल रोजगार का ब्योंरा दीजिए ?

मार्केटिंग/सेल्स/इकाई मे कुल रोज़गार की संख्या हेतु कृपया केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर जाये |


78. सम्भांवित मार्केटिंग/सेल्स/इकाई मे कुल रोज़गार की संख्या कितनी है ?

मार्केटिंग/सेल्स/इकाई मे कुल रोज़गार की संख्या हेतु केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान की आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर जाये |


79. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्या है ?

भारत सरकार के माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 18 फरवरी 2016 को शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) किसानों के लिए उनकी उपज के लिए एक बीमा सेवा है। इसे पहले की दो योजनाओं राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एनएआईएस) और संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (एमएनएआईएस) को उनकी सर्वोत्तम विशेषताओं को शामिल करके और उनकी अंतर्निहित कमियों (कमियों) को दूर करके एक राष्ट्र-एक योजना थीम के अनुरूप तैयार किया गया था। इसका उद्देश्य किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करना और पूर्ण बीमा राशि के लिए फसल आश्वासन दावे का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करना है।


80. कृषक आत्महत्या को कैसे रोका जा सकता है ?

केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा अवसाद युक्त सीमांत/अतिनिर्धन/निर्धन/मझोले बैंक टर्न ओवर आधारित अति अल्प /अल्प आय अथवा एन.पी.ए. युक्त ऋणी कृषक वर्ग को आर्टिफिसियल इंटेलीजेंस अथवा अन्य भौतिक परीक्षण/सर्वेक्षण/निरीक्षण पर्यन्त संस्थागत योजनाओं/परियोजनाओं में शामिल करते हुए सशक्त कृषक अथवा आत्मनिर्भर कृषकों की स्थापना सुनिश्चित किया जाएगा ।

यहां कुछ उपाय दिए गए हैं जो किसानों की स्थिति को सुधारने में मदद कर सकते हैं:

1. प्रकृति पर कृषि की निर्भरता कम की जानी चाहिए। यह अच्छे मानसून के मौसम के दौरान पानी के प्रभावी प्रबंधन की मांग करता है। फसल बर्बादी की रोकथाम सरकार का प्राथमिक उद्देश्य होना चाहिए। ज्यादातर मामलों में, यह पानी की कमी नहीं है, बल्कि सरकार की ओर से उचित प्रबंधन की कमी है जो पानी की कमी का कारण बनती है.

2. किसानों को साहूकारों के कर्ज के जाल से बचाने के लिए प्रत्येक किसान को संस्थागत वित्त उपलब्ध कराना एक और महत्वपूर्ण उपाय है। वितरित धन की प्रभावी निगरानी भी आवश्यक है क्योंकि कई मामलों में गरीब किसान को फ्रंट-एंड के रूप में उपयोग किया जाता है। वास्तव में ऋण का लाभ एक बड़े भूमि मालिक द्वारा प्राप्त किया जाता है.

3.सरकार छोटे किसानों की जमीनों के पूलिंग और आर्थिक रूप से खेती योग्य भूमि का एक बड़ा हिस्सा बनाने की संभावना भी तलाश सकती है।

4.छोटे किसानों को आय के वैकल्पिक स्रोत विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और सरकार को किसानों को नए कौशल हासिल करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। सूखा प्रभावित क्षेत्रों में, सरकार आय के एकमात्र स्रोत के रूप में कृषि पर निर्भरता को कम करने के लिए वैकल्पिक रोजगार सृजन कार्यक्रम शुरू कर सकती है।


81. कृषि को व्यवसाय के रूप में कैसे विकसित किया जा सकता है ?

संस्थागत नियमों/योजनाओं के अंतर्गत समय-समय पर कृषकों को ग्राम स्तर पर नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीक उपलब्ध कराकर तथा उससे संबंधित सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध कराकर कृषि क्षेत्र को लाभप्रद व्यवसाय के रूप में नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीक प्रदान कर पेशेवर बनाया जाएगा।


82. देशी नस्ल गायों की उपयोगिता कैसे बढ़ाया जा सकता है ?

देशी नस्लीय गायों को संरक्षण/संवर्धन करते/कराते हुए उनके द्वारा उत्पादित दूध को उच्च स्तरीय प्रसंस्कृत व्यवस्थान्तर्गत दूध एवं दुग्ध उत्पादों का बाज़ार की मांग/पूर्ति सिद्धांतानुसार सुनिश्चित करके पशुधन विकास नीति के क्रम में देशी नस्ल गायों की उपयोगिता को बढ़ाया जाएगा |


83. बाज़ार माँग-पूर्ति सिद्धान्त क्या है ?

बाजार की आपूर्ति और मांग/पूर्ति का नियम एक सिद्धांत है जो किसी संसाधन के आवश्यकतानुसार विक्रेताओं और उस संसाधन/वस्तु के आवश्यकतानुसार खरीदारों/ग्राहको के बीच खरीद अथवा आवश्यकतानुरूप उत्पादों की व्याख्या करता है। सिद्धांत किसी दिए गए उत्पाद की कीमत और लोगों की इसे खरीदने या बेचने की इच्छा/आवश्यकता के बीच संबंध को परिभाषित करता है ।


84. किसानों को कृषि कार्य में बनाए रखने के लिए क्या करना चाहिए ?

समय-समय पर संस्थागत नियमों/योजनाओं के अधीन ग्रामीण स्तर पर किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीक की कुशलता एवं उससे संबन्धित पूर्ण जानकारी प्रदान कराकर किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि तकनीको को अपनाकर कृषि क्षेत्र में बनाए रखा जा सकता है |


85. कृषि क्षेत्र में उत्पादन को कैसे बनाए रखना चाहिए ?

समय-समय पर संस्थागत नियमों/योजनाओं के अधीन ग्रामीण स्तर पर किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीक की कुशलता एवं उससे संबन्धित पूर्ण जानकारी प्रदान कराकर किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि तकनीको को अपनाकर कृषि क्षेत्र में उत्पादन को बनाए रखा जा सकता है |


86. किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि तकनीको को अपनाने के लिए कैसे प्रेरित करें ?

समय-समय पर संस्थागत नियमों/योजनाओं के अधीन ग्रामीण स्तर पर किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि तकनीक की कुशलता एवं उससे संबन्धित पूर्ण जानकारी प्रदान कराकर किसानों को नवीन और आधुनिक कृषि तकनीको को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा |


87. उ0प्र0 राज्य मे मण्डल स्तरीय संयुक्त वृहद औद्योगिक इकाई अथवा संस्थान के निर्माण की अनुमानित संख्या कितनी हैं ?

उ0प्र0 राज्य मे मण्डल स्तरीय संयुक्त वृहद औद्योगिक इकाई अथवा संस्थान के निर्माण की अनुमानित संख्या संस्थान के आधिकारिक वेबसाइट https://www.cagdi.in/ पर उपलब्ध है |


88. औषधीय पौध मिशन किस मंत्रालय के अधीन है ?

औषधीय पौध मिशन आयुष मंत्रालय भारत सरकार के अधीन है |


89. औषधीय पौध के अन्तर्गत अनुदान कितने प्रतिशत है ?

औषधीय कृषि उत्पाद योजनांतर्गत आयुष मिशन आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी https://www.nmpb.nic.in/ पर उपलब्ध अनुदान नियमों के अंतर्गत आच्छादित है |


90. डी0ई0डी0एस0 क्या है ?

डेयरी उद्यमिता विकास योजना (डीईडीएस) स्वच्छ दूध के उत्पादन के लिए आधुनिक डेयरी फार्मों की स्थापना को बढ़ावा देने, बछिया पालन को प्रोत्साहित करने, असंगठित क्षेत्र में संरचनात्मक परिवर्तन लाने और स्वरोजगार उत्पन्न करने के उद्देश्य से नाबार्ड के माध्यम से लागू एक केंद्र प्रायोजित योजना है |


91. डी0ई0डी0एस0 से किसानों को क्या लाभ है ?

योजना के मुख्य लाभ हैं:

i) स्वच्छ दूध उत्पादन और वितरण के लिए आधुनिक डेयरी फार्म स्थापित करना
ii) अच्छी गुणवत्ता वाले प्रजनन स्टॉक के संरक्षण के लिए
iii) असंगठित क्षेत्र को आर्थिक रूप से समर्थन देना और ग्राम स्तर पर संरचनात्मक परिवर्तन लाना।


92. डी0ई0डी0एस0 से देश को कैसे लाभ होगा ?

क्षमतायुक्त अल्प आय कृषक वर्ग को दुग्ध उद्यमिता विकास योजना का लाभ प्रदान करते हुए, उच्च आय कृषक वर्ग में सम्मिलितकरते हुए उनके क्षमता का उचित उपयोग राष्ट्रहित के विकास में विकसित राष्ट्र स्थापना हेतु राष्ट्र/राज्यों हेतु राजस्व प्रदान कराये जाने हेतु विकसित कृषक वर्ग के रूप में स्थापना सुनिश्चित किया जाएगा |


अद्यतन जारी है....


केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय हेतु महत्वपूर्ण सूचना

सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा निजी केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय की स्थापना हेतु दिनांक 17 जनवरी 2020 में श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार नई दिल्ली के सम्मुख प्रस्तुत किये गए खरीद प्रस्ताव पर जारी आदेश डायरी संख्या 472175 दिनांक 17 जनवरी 2020 के तहत केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान से जारी प्रस्ताव पत्रांक 43/के.कृ.वि.सं./2019-20 दिनांक 20 जनवरी 2020 के क्रम में श्रीमान सहायक महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद स्तरीय जारी स्वीकृति/सुझाव आदेश पत्र संख्या 366924/स.म.(त.स.) दिनांक 23.03.2020 तत्क्रम श्रीमान कृषि सचिव भारत सरकार नई दिल्ली 106/के.कृ.वि.सं./2019-20 दिनांक 26 फरवरी 2020 को खरीद कार्यवाही विषयक आख्या/प्रस्ताव/रिपोर्ट अथवा संस्थागत स्वीकृति प्रदान की गयी । मा.मुख्यमंत्री जी उ.प्र.शासन को केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय की स्थापना हेतु खरीद प्रस्ताव पर जारी आदेश संख्या CRCD000732687864 दिनांक 30 जनवरी 2020 के क्रम में ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण के आदेश पत्रांक-ग्रे.नो./संस्थागत/2020/995 दिनांक 04.02.2020 कार्यवाही सम्पन्न करायी जा चुकी है। तत्क्रम केन्द्रीय कार्यालय/मुख्यालय का एन.सी.आर. के ग्रेटर नोएडा में स्थापना हेतु मा.मुख्यमंत्री जी उ.प्र.शासन के कार्यालय से दिनांक 27 जून 2022 में जारी CRCF0013886793 के क्रम में दिनांक 27 जुलाई 2022 में विभिन्न कार्यवाही पश्चात केंद्रीय कार्यालय के नियंत्रणाधीन केंद्रीय मुख्यालय का अनुमोदन प्राप्त हो चुका है | केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय अथवा वैश्विक स्तरीय केंद्रीय कार्यालय हेतु श्रीमान प्रमुख सचिव माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश शासन CRCD000561464368 दिनांक 27.01.2022 के क्रम में लखनऊ उत्तर प्रदेश में केंद्रीय कार्यालय प्रस्तावित अथवा कार्यवाही प्रचलित है। केन्द्रीय कृषि विकास संस्थान द्वारा केंद्रीय कार्यालय के नियंत्रणाधीन वैश्विक स्तरीय केंद्रीय वित्तीय कार्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थापना प्रस्तावित है।

   सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |     सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |     सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |    सूचना : सर्वसाधारण को सूचित किया जाता है कि वर्तमान में संस्थागत संपर्क कार्यालय एवं दूरभाष सुविधाएं कोरोना आदि कारणों से प्रभावित हैं, जिन्हें जनसामान्य हेतु शीघ्र उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित होगा |